VF Drive क्या होता हैं. इसके कितने प्रकार है
आज के समय में मोटर का इस्तेमाल तो हर घर में हो रहा हैं. हर किसी को अपने घर में किसी ना किसी मोटर की जरूरत तो होती हैं. चाहे वह वाटर पंप के लिए हो या फिर आटा चक्की के लिए हो या फिर कोई दूसरे काम के लिए हो मोटर तो आज आपको हर घर में देखने को मिल जाती हैं.
बहुत से लोग मोटर को चलाने के लिए MCB, DP Switch या Starter इस तरह के उपकरणों का यूज करते हैं. लेकिन काफी जगह पर आपने VFD लगा हुआ देखा होगा या फिर VFD का नाम सुना होगा लेकिन क्या आपको पता हैं. की VFD क्या होता हैं. और यह कैसे काम आज भी बहुत से लोगों को VFD के बारे में नहीं पता.
आज के समय में आपने देखा होगा कि सोलर सिस्टम हर जगह पर लगे हुए दिखाई दे रहे हैं. और जब आप खेतों में देखेंगे तो भी आपको बड़े-बड़े सोलर सिस्टम लगे हुए मिलेंगे खेता में सोलर सिस्टम वाटर पंप के लिए लगे हुए होते हैं. लोगों को जितने कैपेसिटी के वाटर पंप की जरूरत होती हैं.
उसी हिसाब से सोलर पैनल भी उनके ऊपर लगते हैं. और उन सोलर पैनल से सोलर वाटर पंप को चलाने के लिए बीच में एक इनवर्टर या फिर कंट्रोलर की जरूरत होती हैं. तो बहुत सी जगह पर इनवर्टर लगाया जाता है.
बहुत सी जगह पर कंट्रोलर लगाया जाता हैं. इस तरह से अलग अलग उपकरण लगाए जाते हैं. लेकिन डीसी वाटर पंप को चलाने के लिए बीच में एक VFD लगती हैं. हमारे इनवर्टर का काम होता हैं. DC लाइट को AC में कन्वर्ट करके उपकरणों को चलाना.
लेकिन VFD का काम होता हैं. डीसी लाइट से वाटर पंप को चलाना तो यदि आपको भी VFD के बारें में जानकरी नहीं हैं. तो हम आज आपको इस पोस्ट में पूरी जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए शुरू करते है.
VFD क्या होता है
VFD का पूरा नाम (चर आवृत्ति ड्राइव) Variable Frequency Drive होता हैं. VFD के और भी कई नाम हैं. जैसे – VSD, AFD आदि VFD का इस्तेमाल मशीनों की Frequency, Voltage और चाल या स्पीड को बदलने के लिए किया जाता हैं. इसके आलावा जब हम मोटर को ON करते हैं.
तो जैसे ही मोटर की स्पीड बढती हैं. उसके कुछ Second के बाद मोटर में थोडा झटका सा लगता हैं. तो इस चीज को भी यह VFD कंट्रोल करता हैं. और साथ में ही यह मोटर की स्पीड को भी कंट्रोल करता हैं. यह VFD दो प्रकार के होते हैं. AC VFD और DC VFD.
Types of VFD
1. AC VFD
2. DC VFD
1. AC VFD क्या है
AC VFD कुछ इस तरह से काम करता हैं. की जब हम VFD के अंदर AC सप्लाई देंगें तो यह AC VFD उस AC लाइट को DC में बदल देगा और फिर उस DC को AC में बदल देगा लेकिन जब DC से AC में बदलाव होता हैं. तब यह AC VFD Frequency और Voltage दोनों को बदल देता हैं.
यही बदलाव Motor की Speed को बदल देती हैं. Speed हमेशा Frequency के समानुपाती होती हैं. तो जैसे ही Frequency बढ़ेगी उसी तरह मोटर की स्पीड भी बढ़ जाएगी और जैसे ही Frequency कम होगी स्पीड भी कम हो जायेगी
2. DC VFD क्या है
DC VFD का काम भी मोटर की स्पीड को कंट्रोल करना होता हैं. लेकिन डीसी सप्लाई में फ्रीक्वेंसी नहीं होती हैं. तो DC मोटर के अंदर स्पीड को कंट्रोल करने के लिए आर्मेचर वाइंडिंग और फील्ड वाइंडिंग के अंदर जो वोल्टेज और करंट जा रहे होते हैं. उनको कम ज्यादा करके डीसी मोटर की स्पीड को कम या फिर ज्यादा किया जाता है
इसके अलावा भी VFD के अंदर हैं. वोल्टेज को सेट करके रखा जा सकता हैं. और कुछ प्रोडक्शन वगैरह भी इसके अंदर दी जाती है
AC और DC VFD में अंतर
S.No. | Features | AC Drives | DC Drives |
1. | Definition | AC ड्राइव कनवर्टर (रेक्टिफायर) का उपयोग करके AC आपूर्ति को DC में परिवर्तित करता हैं. और AC मोटर्स को चलाने के लिए इन्वर्टर का उपयोग करके इसे DC से AC में वापस उलट देता है। | DC ड्राइव केवल DC मोटर्स को चलाने और स्पीड को कंट्रोल करने के लिए आर्मेचर वाइंडिंग और फील्ड वाइंडिंग में वोल्टेज या करंट को कम ज्यादा किया जाता है |
2. | Control | AC ड्राइव AC इनपुट से AC आउटपुट को कंट्रोल करते हैं। | DC ड्राइव DC इनपुट से DC आउटपुट को कंट्रोल करते हैं। |
3. | Main Supply & Voltage | AC पावर सप्लाई यानी सिंगल फेज और थ्री फेज AC वोल्टेज से चलने वाली एसी ड्राइव। | DC बिजली की आपूर्ति यानी बैटरियों द्वारा संचालित DC ड्राइव और डीसी वोल्टेज के स्रोत की आपूर्ति करता है। |
4. | Self Start | Not self starting | Self Starting |
5. | Circuit Design | AC ड्राइव का सर्किट डिजाइन इन्वर्टर और कन्वर्टर के कारण थोड़ा जटिल होता हैं. जो AC को DC और इन्वर्टर को डीसी से AC में बदल देता है। | एकल शक्ति रूपांतरण के कारण DC ड्राइव का सर्किट डिज़ाइन कम जटिल होता है |
6. | Breaking / Acceleration | AC ड्राइव के ब्रेकिंग और एक्सेलेरेशन मैकेनिज्म को सप्लाई फ्रीक्वेंसी (FS) को बदलकर नियंत्रित किया जा सकता है। | डीसी ड्राइव के ब्रेकिंग मैकेनिज्म को रोटर साइड पर रेजिस्टेंस लगाकर कंट्रोल किया जा सकता है। |
7. | Speed Control | आपूर्ति आवृत्ति को बदलकर गति नियंत्रण किया जाता है। | गति नियंत्रण आर्मेचर और फील्ड नियंत्रण द्वारा किया जाता है। |
8. | Motor Speed in RPM | Up to 10k RPM | Up to 2.5k RPM |
9. | Speed Regulation | AC ड्राइव से चलने वाली मोटर में ~1% स्पीड रेगुलेशन हासिल किया जा सकता है। | डीसी ड्राइव से चलने वाली मोटर में ~1% स्पीड रेगुलेशन हासिल करना संभव नहीं है। |
10. | Noise | AC ड्राइव चलते समय आवाज करता है। | DC ड्राइव चलते समय आवाज बहुत ही कम करता है। |
11. | Starting Torque | Low | High |
12. | Transformer | AC ड्राइव को सीधे ट्रांसफार्मर (मुख्य आपूर्ति) से जोड़ा जा सकता है। | DC ड्राइव में, ट्रांसफॉर्मर की आवश्यकता 100V से अधिक वोल्टेज पर होती है। |
13. | Applications | AC मोटर्स के लिए सामान्य, AC ड्राइव का उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग AC मोटर्स की गति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। | आम तौर पर, DC मोटरों के लिए DC ड्राइव का उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग डीसी मोटर्स की गति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। |
14. | Cost | AC ड्राइव अधिक महंगे होते हैं. जबकि एसी ड्राइव में उपयोग की जाने वाली मोटरें कम खर्चीली होती हैं | DC ड्राइव कम खर्चीले होते हैं. जबकि डीसी ड्राइव में इस्तेमाल होने वाले मोटर्स थोड़े महंगे होते हैं। |
VFD कहाँ पर इस्तेमाल होते है
तो अब आपको पता चल गया होगा कि VFD क्या होता हैं. और यह कैसे काम करता हैं. तो चलिए अब बात कर लेते हैं. कि इसका इस्तेमाल कहां पर होता हैं. आज के समय में मोटर तो हर किसी के घर में ही होती हैं. चाहे वह वाटर पंप हो या फिर आटा चक्की वाली मोटर हो इस तरह से आपको हर किसी के घर में मोटर देखने को मिल जाएगी और उसी मोटर के ऊपर ही VFD का इस्तेमाल किया जाता है.
कई घरों में स्टार्टर, एमसीबी, स्विच वगैरह इस तरह के उपकरण लगा दिए जाते हैं. अपनी प्रोडक्शन के हिसाब से लेकिन कई जगह पर आप को VFD देखने को मिलेगा और ज्यादातर खेतों में यदि आप वाटर पंप के ऊपर या फिर समर्सिबल टेबल के ऊपर देखोगे तो वहाँ पर आपको VFD देखने को मिलेगा क्योंकि इसका इस्तेमाल ज्यादातर समर्सिबलट्यूबेल या फिर वाटर पंप को चलाने के लिए किया जाता है.
AC मोटर को चलाने के लिए हम किसी भी इनवर्टर या फिर स्टार्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन जब हमारी DC मोटर को चलाने की बात आती हैं. तो उस वक्त हमें VFD की ही जरूरत होती हैं. और यह भी अलग-अलग कंपनियों और कैपेसिटी के आधार पर आता है.