सोलर इनवर्टर खरीदने से पहले ध्यान रखें ये 4 बातें
सोलर इनवर्टर एक ऐसा इनवर्टर होता है जिसका उपयोग करके आप सोलर पैनल से और ग्रिड की सप्लाई से बैटरी को चार्ज कर सकते हैं . सोलर इनवर्टर बैटरी के साथ में कनेक्ट होता है तो इस पूरे सिस्टम को ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम कहते हैं जो कि बिना ग्रिड के भी काम कर सकता है.
तो अगर आप अपने घर में सोलर सिस्टम लगाने के लिए सोलर इनवर्टर खरीदना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि कौन सा इनवर्टर आपके लिए सही रहेगा.सोलर इनवर्टर खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का पता होना चाहिए जिससे कि सोलर इनवर्टर खरीदने में आसानी हो जाती है.
अगर आप ऐसे ही दुकानदार को जाकर बोलेंगे कि आपको सोलर इनवर्टर चाहिए और दुकानदार आपको कोई भी सोलर इन्वर्टर उठा कर दे देगा तो शायद वह आपके काम ना आए और आपको फिर दोबारा से इन्वर्टर खरीदना पड़े. इसीलिए सोलर इनवर्टर खरीदने से पहले ही आप कुछ सावधानियां बरतें.
1 फ्रिज 1 वाशिंग मशीन चलाने के लिए कितने सोलर पैनल चाहिए
1.Wave के आधार पर सोलर इन्वर्टर
इस चीज के बारे में काफी लोग नहीं जानते इसीलिए वह इसके बारे में दुकानदार से नहीं पूछते हैं लेकिन मार्केट में आपको आपको square wave और pure sine wave इनवर्टर देखने को मिलते हैं.लेकिन इन दोनों ही इनवर्टर को बाहर से देखने से आपको पता नहीं चलेगा कि
इनमें से कौन सा square wave इनवर्टर है और कौन सा pure sine wave इनवर्टर है. लेकिन जब आप square wave इनवर्टर के ऊपर कोई भी अपने घर का AC उपकरण चलाते हैं जैसे कि कोई पंखा तो उसके अंदर आपको Humming की sound सुनाई देती है.
जिससे आपको पता चल सकता है कि यह square wave इनवर्टर है और जो इनवर्टर pure sine wave वाला होगा उस पर अगर आप पंखा चलाते हैं तो आपको किसी प्रकार की कोई Humming की sound सुनाई नहीं देगी.
इसीलिए अगर आप को इनके बारे में नहीं पता तो आप दुकानदार से जाकर भी यह बोल सकते हैं कि आप को pure sine wave वाला ही इनवर्टर चाहिए क्योंकि यह इन्वर्टर ज्यादा अच्छा होता है और इससे आपकी उपकरण पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता हालांकि यह थोड़ा सा आपको महंगा मिलेगा लेकिन इससे आपके उपकरण कभी खराब नहीं होंगे.
2.टेक्नोलॉजी के आधार पर सोलर इनवर्टर
सोलर इनवर्टर की मार्केट में आपको दो अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी देखने को मिलती है. जिसमें से सबसे ज्यादा पॉपुलर है PWM टाइप का सोलर इनवर्टर और दूसरा है.
MPPT टाइप का सोलर इनवर्टर. PWM टाइप के सोलर इनवर्टर आपको काफी सस्ते देखने को मिलते हैं क्योंकि यह टेक्नोलॉजी काफी पुरानी हो गई है और PWM टेक्नोलॉजी वाले सोलर इन्वर्टर की efficiency MPPT टेक्नोलॉजी वाले सोलर इनवर्टर से थोड़ी कम होती है.
हालांकि इन दोनों ही टेक्नोलॉजी में से आप किसी भी टेक्नोलॉजी वाला सोलर इनवर्टर खरीद सकते हैं यह आपके बजट पर ज्यादा निर्भर करेगा क्योंकि PWM और MPPT वाले सोलर इनवर्टर की के प्राइस में आपको काफी ज्यादा अंतर देखने को मिलता है. उदाहरण के लिए आपको नीचे दो एक जैसी क्षमता वाले इनवर्टर दिखाए गए हैं और उनकी कीमत बताई गई है.
1.UTL Heliac-1200 PWM = Rs. 6400
2. UTL Gamma Plus MPPT = Rs. 9400
तो आप देख सकते हैं एक ही कंपनी के इनवर्टर की कीमत में ₹3000 तक का अंतर आ सकता है यह सिर्फ उदाहरण के लिए आपको बताया गया है जितना ज्यादा क्षमता वाला इनवर्टर खरीदेंगे .
उनकी कीमत में आपको उतना ही ज्यादा अंतर देखने को मिलेगा. तो दोनों ही टेक्नोलॉजी में से जो भी आपके बजट में हो वही आप खरीद सकते हैं दोनों में से MPPT टेक्नोलॉजी अच्छी है और महंगी भी है.
Luminous सोलर पैनल की कीमत इन इंडिया
3.कितनी बैटरी वाला खरीदें
काफी लोगों के मन में यह सवाल आता है कि कुछ इनवर्टर एक जैसी क्षमता के साथ में आते हैं तो क्या हम कम बैटरी वाला खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए 1500 Va क्षमता वाले इन्वर्टर आपको एक बैटरी में भी देखने को मिलते हैं और दो बैटरी में भी देखने को मिलते हैं. तो आपको कितनी बैटरी वाला इनवर्टर खरीदना चाहिए.
1500 Va क्षमता वाले इनवर्टर पर आप लगभग 1000 watt का लोड चला सकते हैं. अगर आपको यह लोग सिर्फ 10-15 मिनट ही चलाना है तो आप एक बैटरी वाला भी खरीद सकते हैं. मान लीजिए आपके घर में आप सिर्फ लाइट और पंखे ही चलाते हैं. और कभी कभी आपको Juicer का इस्तेमाल करना पड़ता है,
तो आप एक बैटरी वाला भी ले सकते हैं. लेकिन अगर आपको ज्यादातर 1000 w का लोड चलाना होता है तो आप को दो बैटरी वाला ही इनवर्टर लेना होगा अगर एक बैटरी वाले पर आप ज्यादा समय तक 1000 w का लोड चला देंगे तो आप की बैटरी खराब होने का खतरा है.
क्योंकि जो सोलर बैटरी होती है उस पर उसकी रेटिंग लिखी जाती है कि आप इस बैटरी को कितने करंट से डिस्चार्ज करेंगे तब यह सही तरह से काम करेगी उदाहरण के लिए 150 Ah @C10 रेटिंग की बैटरी ले लेते हैं.
इस बैटरी को आप 15 Amp. करंट से अगर डिस्चार्ज करेंगे तो यह बिल्कुल तरह से काम करेगी. लेकिन अगर आप इसके ऊपर डिसचार्जिंग करें 30 Amp. कर देंगे तो यह बैटरी 150 Ah की बैटरी जितना बैकअप नहीं देगी और ना ही इतने दिन चलेगी इसीलिए हमेशा ज्यादा लोड के लिए ज्यादा बैटरी का उपयोग करें और सोलर बैटरी का उपयोग करें.
तो आपको ज्यादा लोड ज्यादा देर तक चलाना है तो आप दो बैटरी वाला ही सोलर इन्वर्टर खरीदें.
4.कितनी क्षमता वाला सोलर इनवर्टर खरीदे
ऊपर बताए गए सभी पॉइंट आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है लेकिन यह पॉइंट भी आप को ध्यान में रखना काफी जरूरी होता है क्योंकि जो लोड आप चलाएंगे वह सारा का सारा आपका इनवर्टर पर ही चलता है इसीलिए आपको इनवर्टर की कैपेसिटी देखना बहुत ही जरूरी है.
आप अपने घर का सारा लोड कैलकुलेट कर लीजिए. कि आपको एक समय पर ज्यादा से ज्यादा कितना लोड चलाना पड़ता है. हालांकि हमारे घर में बहुत सारे उपकरण होते हैं लेकिन सभी उपकरण हम एक समय पर नहीं चलाते हैं. अगर आपके घर में सबसे ज्यादा लोड लेने वाला कोई उपकरण है जो कि आप इनवर्टर पर चलाते हैं कभी-कभी तो आप उससे थोड़े से ज्यादा कैपेसिटी वाला इनवर्टर ले लीजिए.
उदाहरण के लिए अगर आपके घर में कोई 900 watt का Juicer है तो आप कम से कम 1500 Va लोड कैपेसिटी वाला सोलर इन्वर्टर खरीदें. लेकिन अगर आपको सिर्फ अपने घर में 3-4 पंखे और 3-4 LED बल्ब जलाने हैं तो आप 750 Va लोड कैपेसिटी वाला भी सोलर इन्वर्टर खरीद सकते हैं जिस पर आप लगभग 500 w तक का लोड चला सकते हैं.
लेकिन यहां पर मैं एक अपनी राय देना चाहूंगा कि अगर आपको 500 w लोड चलाना है तो आप कम से कम 1000 Va का सोलर इन्वर्टर जरूर खरीदें और आपको अगर 1000 w लोड चलाना है 1500 Va से 2 Kva तक लोड कैपेसिटी का सोलर इन्वर्टर खरीदना चाहिए.
तो यह कुछ महत्वपूर्ण जानकारी थी जिनके आधार पर आप अपने इनवर्टर का चुनाव कर सकते हैं अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवालिया सुझाव हो तो आप पोस्ट के कमेंट में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं या सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम या टेलीग्राम ग्रुप पर भी हमसे जुड़ सकते हैं और ऐसी ही जानकारी पा सकते हैं.